रक्षाबंधन क्यूँ मनाया जाता है? Everything About Rakhi Purnima-2024

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“रक्षाबंधन क्यूँ मनाया जाता है? Everything about Rakhi Purnima-2024” इस लेख में हम जानेंगे क्या है वो इतिहास जिससे हम सभी सनातनी हिन्दू हर साल रक्षाबंधन मनाते है। पुराणों से 3 संदर्व मिलता है जिससे रक्षा बंधन का प्रारंभ पता चलता है।

Everything about Rakhi Purnima-2024
Everything about Rakhi Purnima-2024

ये कथा सत्ययुग के भगवान विष्णु की बामन अवतार से जुड़ी है। राजा बलि भक्त प्रह्लाद के पोते थे जिन्होंने दैत्य गुरु शुक्राचार्य के कहने पर विश्वजीत महायज्ञ का आयोजित किया और उससे सम्पूर्ण किया। जिसके प्रभाब से सभी देवतागण से स्वर्ग लोक छूट गया। देवताओं ने स्वर्गलोक के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की, और भगवान विष्णु बामन अवतार धारण करके राजा बलि के पास ब्राम्हण भिक्षुक के रूप में गए।

बलि ने भिक्षुक ब्राम्हण का स्वागत किया और अपनी इच्छा प्रकट करने को कहा। जैसे ही भगवान बामन देव ने 3 पग भूमि की मांग रखा राजा बलि ने हसते हुए कहा जो 3 लोको के स्वामी उससे केवल 3 पग भूमि मांग रहे हो ब्राम्हण। लेकिन जैसे ही राजा बलि ने दान देने का बचन लिया भगवान बामन देव ने अपनी आकार को इतना बढ़ा लिया की एक पग मे पृथ्वी समेत सारे लोक, दूसरे पग मे सम्पूर्ण ब्रम्हांड और तीसरे पग के लिए कुछ नहीं बचा।

राजा बलि को ये आभास होगया की ये ब्राम्हण कोई और नहीं स्वयं नारायण है, तुरंत नतमस्तक होकर अपना सर पर तीसरा पग रखने का समर्पण भाब प्रकट किया। बामन देव प्रसन्न होकर बलि के ऊपर तीसरा पग रखा और उससे सुतल लोक भेज दिया। राजा बलि के अंदर भक्ति भाव था सबकुछ छूटने के बाद भी ओ नारायण का भजन करने लगा जिससे नारायण प्रसन्न हुए और एक द्वारपाल के रूप में अपनी भक्त के सम्मुख रहने की बचन देदिए।

माता लक्ष्मी भगवान नारायण के बिरह में राजा बलि को सावन माह के पूर्णिमा तिथि को रक्षा बंधन किया और नारायण को साथ ले जाने की अनुमति मांगी। राजा बलि ने माता लक्ष्मी को अपनी बहन मना और तभीसे रक्षाबंधन की प्रथा सुरू हुआ।

वर्षों पहले देवता और दानव के बीच 12 बर्ष तक एक भीषण युद्ध चल रहा था, युद्ध मे बिजय प्राप्ति के लिए देवताओं के राजा इन्द्रदेव ने गुरु बृहस्पति के पास पहुंचे। वहाँ उपस्तीत इन्द्र के पत्नी इंद्राणी (सचि) ने इन्द्र को एक रक्षा सूत्र प्रदान किया और कहा इससे स्वस्तिवाचन विधि से गुरु बृहस्पति जी से बांध लो। उसी रक्षा सूत्र के बल से इन्द्र और सभी देवताओं ने भारी युद्ध मे बिजय प्राप्त किया।

महाभारत में शिशुपाल का वध श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र के द्वारा हुआ था। जिसको 100 अपराध की क्षमा था, लेकिन शिशुपाल ने पांडव के राजसूय यज्ञ मे भगवान श्री कृष्ण का अपमान किया और उसका अपराध की संख्या बढ़ गया तब उसका वध होगया। क्रोध मे सुदर्शन चलाने के कारण भगवान के अंगुष्ठ कटगए, इससे द्रौपदी ने देखा और अपनी वस्त्र चीर कर बांध दिया। भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को उसकी रक्षा करने का वचन दिया, और भारी सभा में जब द्रौपदी का चीर हरण होराहाथा तब भगवान ने द्रौपदी की लाज रखा। इसी दिन से भाई और बहन के विच रक्षाबंधन की रीत आरंभ हुआ।

(Now Reading-रक्षाबंधन क्यूँ मनाया जाता है? Everything about Rakhi Purnima-2024) (Also Read: गुरुकुल कैसे खत्म हो गए?)

रक्षाबंधन के दिन कुंकुम, अक्षत (चावल) , रक्षा सूत्र, दीप, गंगाजल, मिठाई और बंदन थाली येसब एकत्रित करके अपनी घरके देवालय मे पहले पूजा करवाना है। अपनी भाई को राखी बांधने के लिए सही मुहूर्त का ध्यान रखे। सबसे पहले भाई का सिर खाली नहीं होनी चाहिए हाथ से या कपड़े से ढकले। भाई के माथे पर कुंकुम और अक्षत लगाए, दाये हाथ के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के समय मंत्र का उच्चारण जरूर करे। भाई को दीप और पुष्प से बंदन करे और मिठाई खिलाए। अगर भाई आपसे छोटे है तो प्रणाम ग्रहण करके आशीर्वाद प्रदान करे,आप अगर छोटे हो तो आप भाई को प्रणाम करे।

याद रखे ये रक्षाबंधन सिर्फ महेंगे Gift और पैसों के लिए न बनाए, हमारी पौराणिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को जरूर ध्यान रखे। रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहन का और बहन-भाई का रक्षा करने की प्रतिज्ञा जरूर करे।

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रक्षाबंधन पर सभी लोग अपनी बहन को महँगे से महँगे Gift देते है, लेकिन आप ध्यान रखे काभी भी सोना यनिकी Gold ना दे। सोने मे कलियुग का वास होता है, इसीलिए आपको रक्षाबंधन के दिन इसे नहीं देना चाहिए।

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 येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।।


( रक्षाबंधन मंत्र )

अनुबाद: “जो रक्षा धागा परम बलशाली दैत्य राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधती हूं, जो तुम्हें भारी संकट से बचाएगा”

19 August को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इसके बाद प्रदोष काल में संध्या के 06 बजकर 56 मिनट से लेकर रात्र 09 बजकर 08 मिनट तक भी राखी बांध सकते हैं।

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रक्षाबंधन मे कौन किसे राखी बांधत सकता है?

भाई बहन को, छात्र गुरु को, बंधु परस्पर और पंडित यजमान को राखी बांध सकते है।

रक्षाबंधन मे किस बस्तु का उपहार नहीं देना चाहोये?

सोना यानि की GOLD का। (Everything about Rakhi Purnima-2024)

रक्षाबंधन कब होता है?

प्रति बर्ष सावन महीने के पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है।

रक्षाबंधन समय कौनसा मंत्र उच्चारण करना है ?

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।।

भद्रा में राखी बांधने से क्या होता है?

इससे असुभ कल बताया गया है, इससे कुछ संकट हो सकते है।

क्या पत्नी पति को राखी बांध सकती है?

रक्षाबंधन का अर्थ ही रक्षा करना है, तो पति-पत्नी दोनों एक दूसरे के रक्षक होते है। जरूर बांध सकते है।

राखी कब उतारनी है?

इससे प्रयास करे काभी ना उतारने की, यदि टूट जाती है संभाल कर विधि पूर्वक इससे विसर्जन करदेना चाहिए।

राखी किस हाथ में पहननी है

दाहिने हाथ। Right-hand. (Everything about Rakhi Purnima-2024)

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