How Gurukul Closed in India – गुरुकुल कैसे खत्म हो गए? – भारतीय सभ्यता, दुनिया का सबसे प्रथम और प्राचीन बिकसीत सभ्यता है। हमारी संस्कृति सनातन वैदिक संस्कृति है। हमारी अस्तित्व की गाथा सालों की नहीं बल्कि युगों युगों का है। रामायण और महाभारत दोनों पुराणों को जानने के बाद भारत की शिक्षा प्रणाली, नीति, आदर्श, अनुसासन और नैतिकता के बारे मै प्रमाण मिलता है।
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क्यों ब्रिटीशों ने Indian Gurukul को नष्ट किया ?
East India कोंपनी के नाम पे भारत आने वाले लुटेरों ने भारत को देख कर इसे लूटने का योजना बनाया, इसके बारे मे तदारख करने के लिए ब्रिटिशों ने Thomas Babington Macaulay को भारत भ्रमण में भेजा। समग्र भारत की भ्रमण करने की बाद Macaulay ने ऐसी सूचना प्रदान किया था जिसको पढ़ने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे।
(Source: Manvendra Chauhan – YT Shorts)
Macaulay’s Letter to Britain Parliament:
Macaulay ने ब्रिटेन पार्लियामेंट को अपनी letter मे लिखा,
“मैंने पूरे भारत में यात्रा की है और मैंने इस देश में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं देखा जो भिखारी हो, जो चोर हो, इतना धन, इतना उच्च नैतिक मूल्य, इतनी क्षमता वाले लोग, जो मुझे कहीं नहीं दिखते। मुझे लगता है कि हम तभी इस देश को जीत पाएंगे, जब तक कि हम इस देश की रीढ़ की हड्डी, जो कि इसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत है, उसको तोड़ नहीं देते हैं।
और इसलिए, मेरा प्रस्ताव है कि हम इसकी पुरानी और प्राचीन शिक्षा प्रणाली, इसकी संस्कृति को बदल दें। क्योंकि अगर भारतीय यही सोचते हैं वह पिछड़े हुए है और अंग्रेजी अच्छी है और उनसे बिकसित है, वे अपना आत्मसम्मान, अपनी मूल संस्कृति खो देंगे और वे वही बन जायेंगे जो हम उन्हें बनाना चाहते हैं, एक वास्तविक प्रभुत्व वाला राष्ट्र”।
Destroying Indian Gurukul and Presenting the British Education System:
अंग्रेजों के दो अधिकारी, G.W. Luther और Thomas Munro, दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है। Macaulay ने बोल था भारत को हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है, तो इस “गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से खत्म करना होगा और बदले मे “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी, और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और अपनी संस्कृति को छोड़ हमारे और रुचि रखेंगे।
इसलिए सबसे पहले गुरुकुलों मै प्रतिबंध लगादिया | जिसके चलते उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो बंद हो गयी, फिर पुराना संस्कृत भाषा के ऊपर रोक लगदिया और इस देश के एक एक गुरुकुलों को ध्वस्त कर दिया, आग से जला दिया , उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं के प्रति अत्याचार किया और बंदी बना दिया। हमारे ग्रंथ और शस्त्रों मे मिलाबट किया, हमको जाती भेद में अलग करदिया, हमारे भगबान और आस्था के केंद्रों को काल्पनिक बताया गया और हमारे बीर योधायों को आतंकबादी बनादिया।
Nalanda University – नालंदा विश्वविद्यालय
India with Gurukul and Without Gurukul:
इस भारत देश में पहले करीबन 7 लाख से ज्यादा गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव भी लगभग उतने ही थे। मतलब हर गाँव में एक गुरुकुल, और ये जो गुरुकुल होते थे वो ‘Higher Study Institute’ हुआ करते थे। साधारणतः गुरुकुलों में 18 प्रकार की विषय पर पढ़ाया जाता था और ये गुरुकुल समाज के लोग चलाते थे। सभी गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी।
लेकिन Lord William Bentinck ने 1835 में The English Education Act लागू कीया। जिसका परिणाम आज हम लोग भोग रहे हैं, आज हमारी युवा अंधे की तरह अपनी Culture और Ethics को भूल के, पश्चिम की और ज्यादा प्रभाबीत है। अभी न तो अच्छे संस्कार बचों मे दिखता है न ही धर्म शास्त्र की बात कोई करता है। हम आज भी पूरी तरह से Macaulay की बनाई गई Education System पर चलते है, जहां सब Brainwashed है। जिस तरह से वो लोग भारतीयों को इस्तेमाल करना चाहते थे आजी भी 90% युवा पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश में रहता है।
इसीलिए हर एक को धर्म की जानकारी होनी चाहिये क्योंकि धर्म ही हमे राष्ट्र धर्म सिखाता है, धर्म ही हमे समाजिकता सिखाता है, धर्म ही हमे माता – पिता, गुरु और राष्ट्र के प्रति प्राण न्योछावर करने की प्रेरणा देता है। परंपरा एक आध्यात्मिक विज्ञान है, जिस विज्ञान को हम सभी आज जानते है उससे सर्वोपरि अध्यात्म है।