Who is Indresh Upadhyay? – Biography

श्री इंद्रेश उपाध्याय: श्रीमद भागवत महापुराण की प्रवक्ता, एक महान उपदेशक और दार्शनिक भी हैं, जिनकी शिक्षाओं ने दुनिया भर में हजारों लोगों को आध्यात्मिक चेतना के ऊंचे स्तर का अनुभव करने में मदद की है। एक प्रसिद्ध प्रवक्ता और आध्यात्मिक गुरु जो विनम्रता और समर्पित सेवा का एक जीवंत उदाहरण हैं। चलिए हमारे प्रिय “Who is Indresh Upadhyay? – Biography” लेख में और प्रकाश डालते है।

Who is Indresh Upadhyay? – Biography

आप के मन मे इंद्रेश जी को जानने का जो उत्सुकता है उसे पूरा करने के लिए आगे पढ़िए – “Who is Indresh Upadhyay? – Biography”.
Who is Indresh Upadhyay? - Biography
Indresh Upadhyay Ji On Vyas Peeth.

इंद्रेश उपाध्याय Kaun Hai?

वृंदावन: 07 अगस्त 1997 एक महान गृहस्त और श्रीमद भागवत के उपदेशाष्टक श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुरजी के घर में जन्म हुआ एक पुत्र संतान। जीसे देख कर एक बहुत बड़े सन्त ने बोला, ये बालक भविष्य मे बहुत उच्च कोटि का आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करेगा और आध्यात्मिक दुनिया मे क्रांति लाएगा। वह बालक कोई और नहीं बल्कि Chiranjeevi Indresh Upadhyay जी हि हैं । जिन्होंने अपनी कथा के माध्यम से लोगों को अध्यात्म की मार्ग पर लाते हैं, अपनी वाणी से मधुर भजन सुनने का लाभ भक्तों को देते हैं, जो बिनम्रता का प्रतीक, जिनके ऊपर गोरोधर लाल ठाकुर जी की कृपा है ऐसे प्यारे Jai Jai (इंद्रेश जी) को बार बार प्रणाम।

प्रमुखतः हमारे Jai Jai श्रीमद भागवत की साप्ताहिक कथा करते है, Private Spiritual Session करते है, और उनके आध्यात्मिक संगठन, भक्ति पथ के द्वारा भारत के महान संतों और ऋषियों के प्रेम और ज्ञान को फैलाने के साथ आध्यात्मिक साधकों को हिंदू धर्म की जीवित परंपराओं के बारे में भरपूर ज्ञान प्रदान करते है। इसके अलावा वह एक गायक भी है, उनके द्वार गाया गया भजन, Radha Ramanam Hare Hare पे 24.8 Million Views है।

Indresh Ji ki Family aur Bachpan

इंद्रेश जी का परिवार में उनके माता-पिता, 3 बड़ी बहन और इंद्रेश जी सबसे छोटे है। जब ओ छोटे थे नाना जी और बाकी परिवार वालों का खूब प्यार मिला।ओ वृंदावन मे स्थित Kanha Makhan Public School मे पढ़ाई करते थे। ओ बचपन मै बहुत साधारण और भोले थे, 8 बी कख्या तक Road Cross करना भी नहीं जानते थे। जब वो School मे बाकी बचों के साथ Tour पे जाने के लिए बहुत जिद करते थे तब उनको हवाई जहाज मे बैठके अपनी पिताजी की कथाओं मे जाने के लिए घरवाले मानते थे, और हवाई जहाज मे बैठनेके खुसी मे ओ मान जाते थे।

इंद्रेश जी अपनी पिताजी की ख्याति के कारण बहुत बार Homework की मार से बचे है। इंद्रेश जी कहते है उनका Personality Development मै उनका माताजी का बड़ा योगदान है, पिताजी इतना व्यस्थ रहते थे की अपनी पुत्र की पढ़ाई के बारे मे जानकारी ही नहीं थी। जब ओ छोटे थे अपनी बहनों के बीच मे रहने के कारण उनकी आवाज का नकल करना सिख गए थे और कभी कभी माता-पिता की Mimicry भी करलेते थे। (Article – Who is Indresh Upadhyay? – Biography)

Indresh Ji ki Hobby and Interest

इंद्रेश जी जब अपने घर मे होते है तो अपनी हाथों से भेल पूरी और स्वादिष्ठ सब्जियां प्रस्तुत करते हैं, अपने ठाकुर श्री गिरिधर लाल जी को भोग लगाते है। जब भी अबसर मिलता है ओ क्रिकेट खेलते है, कहते है बचपन मे जो खेल खेलनहीं पाए थे आज ओ सब खेल के अपनी ईच्छा पूरा करते है।

Indresh Ji ki First Katha

श्री इंद्रेश उपाध्याय जी के जीवन का प्रथम साप्ताहिक श्रीमद भागवत कथा, सनातन सेवा मण्डल मैदान, द्वारका-गुजरात मै, 20 जुलाई-27 जुलाई 2015 को संगठित हुआ था। परंतु कथा के 22 दिन पहले इंद्रेश जी को Hospitalize होना पड़ा, और Doctor भी कथा मे जाने के लिए मना कर रहे थे।

लेकिन इंद्रेश जी के नाना उनको भागवद जी के नारायण कवच को कंठस्थ करने को कहा, फिर इंद्रेश जी ने अपनी पहली कथा के लिए जब पूर्ण रूप से तेयर होके कथा मे पहुंचे उनके सामने निकला 5000 लोगों की भागवद सोभा यात्रा, इतनी बड़ी भीड़ को देख के घबरा गए इंद्रेश जी और सोचने लगे पिताजी के 45 बर्ष का मेहनत कहीं 2 मिनट मै ध्वस्त न हो जाए। सबसे बड़ा डर पूज्य रमन रेती वाले महाराज स्वामी सरणानंद जी उद्घाटन के लिए पधारे थे। और भी बड़े बड़े सन्त को सामने देख के इंद्रेश महाराज जी का बार बार गला सुख रहा था।

इतने मैं उनके नाना जी बोले, पिताजी (अर्थात कृष्ण चंद्र शास्त्री जी) को बुलाओ, अगर आज नहीं बुलाओगे तो जीवन भर पछताओगे। इंद्रेश जी जल्दी गए और पिताजी को बुला लाये। उनके नाना जी ने उनके पिताजी को बोले आपका पुत्र पहली वार व्यास पीठ पर बैठने जा रहे है, और उनको गुरु दीक्षा नहीं मिली! इसी क्षण दीक्षा प्रदान करो।

नानाजी के बात सुनके कृष्ण चंद्र शास्त्री जी ने कथा सुरू होने से 20 मिनट पुर्ब अपने पुत्र को श्री वैषणब परंपरा गत, श्री वैषणब आचार्य संप्रदय मे दीक्षित किए। समय पर जैसे ही कथा सुरू हुआ इंद्रेश जी की श्रीमद भागवद की प्रथम श्लोक की व्याख्या सुनके सभी के मुख पर प्रसन्नता दिखाई दिया, रमन रेती वाले महाराज स्वामी सरणानंद बहुत प्रसंशा किए। (Article – Who is Indresh Upadhyay? – Biography)

Indresh Ji ki Katha Fees

इंद्रेश जी के कथा मैं हजारों की संख्याओं मे भीड़ रहता है। इसकेलिए सारा प्रबंध कथा करने वाले कर्ता को करना होता है, उसीके साथ आने वाले भक्तों को भागवत प्रसाद भी देना होता है। साथ मै इन्देश जी के 7 दिन के कथा का फीस भी होता है। आपकी जानकारी के लिए, इंद्रेश जी अपने कथा मे अपनी ठाकुर जी गिरिधर लाल जी को लेके चलते है, तो निश्चित रूप से ठाकुर जी को भोग लगाने के लिए सारी प्रबंध और रसोइया भी साथ चलते है और ठाकुर जी के शृंगार के बस्तुए भी साथ चलते है।

साथ साथ ठाकुर जीके साथ जाने वाले सभी Technician (कैमरा मेन, विडिओ ग्राफर), गंधर्व गण (गीतकार,म्यूजिशियन), संस्कृत के विख्यात पंडित मंडली, आधुनिक Live प्रसारण करने के लिए अलग से Team, कुल मिलके जीतने भी लोग हो रहे है सभीको अपनी पारिश्रमिक फल स्वरूप आज के समय अनुसार कितनी रुपया मिलना चाहिए आप अंदाज लगा सकते होंगे। (Article – Who is Indresh Upadhyay? – Biography)

इंद्रेश जी के कथा का फीस या अन्य जानकारी के लिए आप इसी नंबर पर संपर्क कर सकते है,

Canada +1 (204) 599-6680 || India – 7060103330, 7060113330

Indresh Ji Ki Bhajan

सुंदर कथा के साथ साथ मधुर संगीत की उपलब्धि भी श्री इंद्रेश जी द्वारा हुई है, इंद्रेश जी का कहना है संगीत ठाकुर जी के बिना आग्रह के नहीं बन शकता है। आज तक जीतने भी संगीत उन्होंने गया है ओ सब ठाकुर जी का निर्देशानुसार हुआ है। बहुत की काम संगीत की रचना की ही इंद्रेश जी ने जिसका lyrics और composition भी उन्होंने किया हुआ है।

Top Songs by Indresh Upadhyay Ji:

  1. Goverdhan Wasi Sanwarey
  2. Jad Karke
  3. Piya Nainan Me Rakhu
  4. Mai Bairagan
  5. Radha Ramanam Hare Hare

Indresh Ji ki First katha Kab hui thi?

20-07-2015

Indresh ji Ki Wife Name?

Unmarried 2024

Indesh Ji Fathers Name?

Shri Krishna Chandra Shastri

Indresh ji ka guru kaun hai?

Father (Shri Krishna Chandra Shastri)

Indresh Ji Kiski Seva Karte Hai?

Sri Srinath Ji/Giridhar Lal Ji

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